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जारी हुई फर्जी बाबाओं की दूसरी सूची??

हरिद्वार: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी बाबाओं की एक और लिस्ट जारी कर दी है, जिसमें दिल्ली के वीरेन्द्र दीक्षित कालनेमी, बस्ती के सचिदानंद सरस्वती और इलाहाबाद की त्रिकाल भवंता के नाम शामिल हुए हैं।
अब ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये सूची पहले जारी नहीं हो सकती थी। लोग तो ये भी सोच रहे हैं कि कहीं अखाड़ा परिषद का इन बाबाओं को संरक्षण तो नहीं।
वीरेंद्र दीक्षित की काली कारनामो का भंडाफोड़ होने के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी 13 अखाड़ों के प्रमुख शामारनामो थे।
क्या कहते हैं महंत नरेंद्र गिरि जी
हम जनता से अपील करते हैं कि लोग ऐसे बाबाओं से सावधान रहे जो किसी परंपरा या संप्रदाय के नहीं हैं। साधु, संत, संन्यासी परंपरा, उदासीन परंपरा, नाथ परंपरा, वैष्णव संप्रदाय, शिव संप्रदाय आदि से आते हैं।
अखाड़ों का विश्वास है कि 7 अखाड़ों की स्थापना आदि-शंकराचार्य के द्वारा की गई थी। जिनमें महानिर्वाणी, निरंजनी, जूना, अटल, आवाह्ऩ, अग्नि और आनंद अखाड़ा शामिल हैं।
फर्जी बाबाओं की कोई परंपरा या संप्रदाय नहीं होती है। ढोंगी बाबाओं द्वारा बलात्कार, शोषण और देश की भोली-भाली जनता को ठगने की खबरें आ रही हैं। कई बाबाओं के खिलाफ देश की अदालतें भी फैसला सुना चुकी हैं।इससे हिंदू धर्म और संत समाज की बदनामी हो रही है। इसलिए परिषद ने ये फैसला लिया है कि वह स्वयं फर्जी बाबाओं की सूची जारी कर दे, ताकि जनता उनसे सतर्क रहे।

अखाड़ा परिषद की इस पहल से आसाराम के कथित समर्थकों ने महंत नरेंद्र गिरी को जान से मारने की धमकी भी दे दी है। अखाड़ा परिषद की कार्यकारिणी में सभी अखाड़ों के दो-दो सदस्य हैं। 26 सदस्य मिलकर फर्जी बाबाओं की लिस्ट बना रहे हैं। सूचियों का आना लगातार जारी  ही रहेगा।

लिस्ट में शामिल सै ये नाम:
इससे पहले 10 सितम्बर को भी परिषद ने फर्जी बाबाओं की सूची जारी किया था, जिसमें 14 नाम शामिल थे।
जिसमे आशाराम बापू उर्फ आशुमल शिरमानी, गुरमीत राम रहीम, सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां, सच्चिदानंद गिरि उर्फ सचिन दत्ता, गुरमीत राम रहीम, डेरा सच्चा सिरसा, ओमबाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूरत द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ओम नम: शिवाय बाबा, नारायण साई, रामपाल, कुश मुनि, मलखान गिरि और बृहस्पति गिरि शामिल थे।

क्या है अखाड़ों की मांग??
सरकार माघ मेला और कुंभ मेला के कायरे पर नजर रखते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की अगुवाई में एक निगरानी समिति का गठन करे। अखाड़ा परिषद चाहता है कि 2019 के अर्द्धकुंभ में ऐसे बाबाओं के कुंभ मेला प्रवेश वर्जित हो।

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